Bankelal #27 Bankelal aur Dakaru
Cover Date: January, 1991
कंकड़ बाबा के शाप के कारण सर्पलोक से निकलकर बांकेलाल और विक्रमसिंह इस बार आ पहुंचे विचित्रलोक जह ...
Issue Description
कंकड़ बाबा के शाप के कारण सर्पलोक से निकलकर बांकेलाल और विक्रमसिंह इस बार आ पहुंचे विचित्रलोक जहाँ की हर वस्तु थी विचित्र। विचित्र लोक में बांकेलाल की शरारत से टूट गया एक विचित्र और विशाल अंडा जिसमे से निकला शैतान डकारु जिसको लंगुरपुरी के लंगूरों ने कैद कर रखा था क्योंकि डकारु डकार जाता था उनके शबरी बाग़ में लगे फलों को। इधर लंगुरपुरी के लंगूरों ने शैतान डकारु से बचने के शबरी बाग़ के फलों की रखवाली के लिए नियुक्त किया खुराफाती बांकेलाल को। और बांकेलाल ने चल दे वहां भी अपनी खुराफात।
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